विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी

‘कैप्टन कूल’ कपिल देव का बयान: विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी पर उठाए सवाल

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पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव ने विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी ट्रॉफी में वापसी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ये दोनों दिग्गज खिलाड़ी 12 और 9 साल के बाद घरेलू क्रिकेट में लौटे हैं। विराट कोहली ने दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में रेलवेज के खिलाफ मैच खेला, जबकि रोहित शर्मा ने मुंबई में जम्मू और कश्मीर के खिलाफ मुकाबला खेला।

कपिल देव ने बीसीसीआई के निर्णय और इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों की वापसी पर सवाल उठाए। उनका कहना था, “अगर विराट और रोहित ऑस्ट्रेलिया में रन बना रहे होते, तो क्या उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए मजबूर किया जाता? यह सवाल है, और इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए।”

बीसीसीआई को दी सलाह;-

विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी

कपिल देव ने बीसीसीआई को सलाह देते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट के नियमों को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि हर खिलाड़ी को प्रतियोगी क्रिकेट में हिस्सा लेना पड़े। उन्होंने आगे कहा, “यह जरूरी नहीं कि विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी सिर्फ अपने प्रदर्शन के आधार पर रणजी खेलें, बल्कि सभी को नियमों के तहत घरेलू क्रिकेट में भाग लेना चाहिए। चाहे रन बनाएं या नहीं, हर खिलाड़ी को सिस्टम का हिस्सा बनकर क्रिकेट खेलना चाहिए।”

रणजी ट्रॉफी में वापसी का महत्व:-

विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी

बीसीसीआई ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट में खराब प्रदर्शन के बाद सभी अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने को अनिवार्य किया है, ताकि वे राष्ट्रीय टीम के चयन के लिए हमेशा तैयार रहें। इससे पहले, विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट से काफी समय तक दूर रहे थे, लेकिन अब उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए मजबूर किया गया है।

बीसीसीआई के नए नियम पर कपिल देव की राय:-

विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी

कपिल देव ने बीसीसीआई के नए नियमों पर भी अपनी राय दी, जिसमें कहा गया है कि खिलाड़ी विदेशी दौरे पर अपने परिवार के साथ अधिक समय नहीं बिता सकते। हालांकि कपिल देव इस नियम से पूरी तरह असहमत नहीं थे, उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए अपने परिवार से दूर रहकर टीम के साथ खेलना चाहिए, ताकि टीम की एकता बनी रहे।

कपिल देव का सुझाव:-

कपिल देव ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, “अगर दौरा एक महीने का है, तो पहले 20 दिनों तक खिलाड़ियों को अपनी टीम के साथ रहना चाहिए। तीन महीने के दौरे पर, कम से कम एक महीने तक खिलाड़ियों को अकेले टीम के साथ रहना चाहिए। क्रिकेट व्यक्तिगत खेल नहीं है, यह एक टीम स्पोर्ट है, और टीम को एक साथ रहकर खेलना चाहिए।

कपिल देव की बातें इस बात का संकेत देती हैं कि घरेलू क्रिकेट और टीम की एकता को लेकर एक सख्त नियम और बेहतर सिस्टम की आवश्यकता है, ताकि क्रिकेटर्स हमेशा उच्च स्तर पर प्रदर्शन कर सकें और टीम का सामूहिक लक्ष्य पूरा कर सकें।

विराट कोहली और रोहित शर्मा की रणजी में वापसी

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